मेहदी हसनः शहंशाह-ए-ग़ज़ल के वो नगमें, जिनको गाए बगैर लोग सिंगर नहीं बन पाते!

मेहदी हसन (Mehadi Hasan) ने करीब 54,000 ग़ज़लें, गीत और ठुमरी गाईं. इन्होंने ग़ालिब, फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, अहमद फ़राज़, मीर तक़ी मीर और बहादुर शाह ज़फ़र जैसे शायरों की ग़ज़लों को अपनी आवाज़ दी.

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मेहदी हसनः शहंशाह-ए-ग़ज़ल के वो नगमें, जिनको गाए बगैर लोग सिंगर नहीं बन पाते! मेहदी हसनः शहंशाह-ए-ग़ज़ल के वो नगमें, जिनको गाए बगैर लोग सिंगर नहीं बन पाते! Reviewed by RUPA on 18:05 Rating: 5

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