बापू, लोग तो तेरी नकल उतारने की होड़ में लग गए हैं. कोई फूल देता है तो तो कोई हाथ जोड़ता है, पर अपुन को मंदसौर के प्रोफेसर गुप्ता बहुत पसंद आए. पता है बापू, उन्होंने वही किया..नहीं समझे.. वो क्लास के पास नारेबाजी से परेशान थे. नारेबाजों को क्या रोका, नारेबाज उन्हें ही देशद्रोही कहने लगे. फिर क्या था..गुप्ताजी उनके पैर पकड़ने लगे.
from Zee News Hindi: India News https://ift.tt/2Ri1aXl
from Zee News Hindi: India News https://ift.tt/2Ri1aXl
व्यंग्य: बापू के नाम पत्र, सेल्फी विद झाड़ू
Reviewed by RUPA
on
00:03
Rating:
No comments: